चण्डीगढ़। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इंटीग्रेटिड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब लगभग 1280 एकड़ में स्थापित किया जाएगा, जिसमें 886.78 एकड़ इस हब के लिए तथा 393.22 एकड़ हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) के लिए दक्षिण हरियाणा में सडक़ तंत्र विकसित करने के लिए है।
Haryana to build integrated multi-modal logistic hub on 1280 acres
उप मुख्यमंत्री, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग तथा लोक निर्माण विभाग का कार्यभार भी है, शुक्रवार को यहां दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) परियोजना के तहत नांगल चौधरी, जिला महेन्द्रगढ़ में स्थापित किए जा रहे इंटीग्रेटिड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब पर बुलाई गई अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राष्ट्रव्यापी अनलॉक-2 के दौरान औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियां सामान्य स्थिति की ओर बढ़ी हैं और राज्य में अब चरणबद्घ तरीके से सडक़ों के सुदृढ़ीकरण, मैट्रो के विस्तार तथा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर प्रणाली विकसित करने की योजनाओं के कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इंटीग्रेटिड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब में आयात निर्यात/डोमेस्टिक कंटेनर यार्ड तथा कार्गो कंटेनर के स्टोरेज व ढुलाई के लिए कंटेनर फ्रेट स्टेशन, ऑटो जोन, वाणिज्यिक क्षेत्र तथा बिजली सब-स्टेशन, वाटर टैंकस एवं पाइप्स, सुरक्षा तथा ट्रकों की पार्किंग इत्यादि के लिए सांझा क्षेत्र निर्धारित किया गया है।
यह परियोजना हरियाणा-राजस्थान सीमा के लगते नांगल चौधरी के तीन गांवों नामत: बशीरपुर, घाटासेर तथा तालोट के बीच होगी।
परियोजना राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम तथा डीएमआईसी हरियाणा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा स्पेशल पर्पस व्हीकल के माध्यम से स्थापित की जा रही है तथा एचएसआईआईडीसी ने 686 एकड़ जमीन हस्तांरित की है तथा परियोजना में अपने हिस्से का 205 करोड़ रुपये की पूंजी हिस्सा निवेश दिया है।
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि दिल्ली और मुम्बई के बीच बनाए जा रहे 1483 किलोमीटर लंबे फ्रेट कोरिडोर का निर्माण रेलवे मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। फ्रेट कॉरिडोर के 150 किलोमीटर के दोनों तरफ दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर(डीएमआईसी) विकसित किया जा रहा है जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट राज्य कवर किए जा रहे हैं। इसके अलावा इस परियोजना के निवेश क्षेत्र में मानेसर-बावल और कुंडली-सोनीपत और औद्योगिक क्षेत्र में फरीदाबाद-पलवल और रेवाड़ी-हिसार भी शामिल हैं। हिसार में हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है तथा दिल्ली से एक्सप्रेस वे जो हिसार- सिरसा होकर पंजाब की ओर जाने वाली इस सडक़ परियोजना पर भी कार्य तेजी से चल रहा है।
बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की केबिनेट कमेटी ने भी इस योजना को अनुमोदित किया है और नांगल चौधरी, हरियाणा में 886.78 एकड़ में फे्रट विलेज विकसित करने के लिए इंटीग्रेटिड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब स्थापित किया जाएगा।
इसके अलावा, वेस्र्टन डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर ने भी न्यू डाबला स्टेशन से इसके लिए कनेक्टिविटी देने के लिए सैंद्घातिक स्वीकृति प्रदान की है। इसके अलावा, बैंच मार्किंग का कार्य पूरा हो चुका है, साथ ही परियोजना के लिए राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) से भी अनापत्ति मिल चुकी है।
परियोजना सीमा स्थल तक सडक़, बिजली तथा पानी की पहुंच सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए बशीरपुर, निजामपुर, नांगल चौधरी, चिल्लरो से चारमार्गी व छ: मार्गी सडक़ मार्गों का निर्माण करवाया जाएगा जिस पर लगभग 105 करोड़ रुपये अनुमानित लागत आने की संभावना है। इसी प्रकार, परियोजना तक बिजली पहुंचाने के लिए सात स्थलों से बिजली आपूर्ति के लिए निकट के 132 के.वी. व 220 के.वी. के सब-स्टेशनों से सम्प्रेषण व वितरण लाइने बिछाने तथा सर्कट व ट्रांसफार्मर का कार्य किया जाना है और इस कार्य के लिए 46.49 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। परियोजना तक नारनौल डिस्ट्रिब्यूटरीज़ के पम्प हाउस नम्बर-2 से जलापूर्ति की जानी है और इसके 15 करोड़ रुपये के अनुमान तैयार किए गए हैं।
बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई की 135 किलोमीटर लम्बे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस-वे तथा कुंडली-गाजियाबाद-पलवल इस्टर्न पेरीफेरी-वे के चालू होने से दिल्ली के बाहर गुरुग्राम व आगरा, उत्तरप्रदेश की ओर जाने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत सिद्घ हुई है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल उत्तरी हरियाणा बल्कि राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र में भी यातायात दबाव कम हुआ है और गाजियाबाद, नोएडा से जुडक़र पश्चिमी राज्यों के बंदरगाहों को दक्षिण हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद व पलवल जिलों से द्रुत गति लिंक उपलब्ध हुई है।
बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव एके सिंह के अलावा एचएसआईआईडीसी, लोक निर्माण तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।